` पिम्स में गायनी और सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम ने जटिल आप्रेशन कर मरीज की जान बचाई

पिम्स में गायनी और सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम ने जटिल आप्रेशन कर मरीज की जान बचाई

Gynecology and Surgery Department at (PIMS) performed a complex operation and saved the patient's life. share via Whatsapp

The team of doctors from the Gynecology and Surgery Department at Punjab Institute of Medical Sciences (PIMS) performed a complex operation and saved the patient's life.



रजनीश शर्मा,जालंधरः पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स) में गायनी और सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम ने जटिल आप्रेशन कर मरीज की जान बचाई है। एक 32 वर्षीय महिला मरीज के युट्रस (गर्भाशय) के नीचे 13X10 सेंटीमीटर का ट्यूमर है। गायनी विभाग की एचओडी डा. एच.के चीमा और सर्जरी विभाग के एचओडी डा. रजनीश कुमार की ओर से मिलकर उक्त महिला का सफलतापूर्वक आप्रेशन किया गया है। 

जानकारी देते हुए गायनी विभाग की एचओडी डा. एच.के चीमा ने बताया कि 32 साल की महिला जो अब जालंधर में रह रही है। पिछले छह महीने से उसका पेशाब रुक जाता था औऱ सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी, पिम्स में इलाज करवाने के लिए आई। गायनी विभाग की ओऱ से स्केन और कुछ जरूरी टेस्ट करवाए गए। इस दौरान डाक्टरों का अनुमान था कि कहीं पेट या ओवरी (अंडाशय) में रसौली न हो। लेकिन, रिपोर्ट आने पर पता चला कि युट्रस (गर्भाशय) के नीचे 13X10 सेंटीमीटर का ट्यूमर है। गायनी विभाग की एचओडी डा. एच.के चीमा और सर्जरी विभाग के एचओडी डा. रजनीश कुमार की ओर से मिलकर उक्त महिला का सफलतापूर्वक आप्रेशन किया गया।

आप्रेशन के दौरान ट्यूमर के साथ लगभग एक हजार कीड़े निकाले गए। डा. चीमा ने बताया कि यह कीड़े एक अंगूर जैसे बाल के अंदर होते हैं। यह कीड़े ज्यादातर पेट में होते हैं जो ज्यादा से ज्यादा लीवर को डेमेज कर सकते हैं। डा. चीमा औऱ डा. रजनीश कुमार ने बताया अपरेशन इतना जटिल था कि अगर यह बाल पेट में फट जाए तो मरीज की जान तक जा सकती थी। ऐसे कीड़े को टिनया कहा जाता है। 

उन्होंने अहम जानकारी दी की  ऐसे कीड़े ज्यादातर उनमें पाए जाते हैं जो सब्जियां या फल धोकर नहीं खाते या  जिन्होंने अपने घर में पशु रखे होते हैं। उन्होंने बताया कि महिला का अगले तीन महीने तक इलाज चलेगा इस दौरान उसा सीटी स्केक और अन्य टेस्ट भी किए जाएंगे, जिससे पता चलेगा कि कहीं यह कीड़े ब्रेन में तो नहीं गए। फिलहाल मरीज अभी ठीक है।

पिम्स के रेजेडेंट डायरेक्टर अमित सिंह और डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोडा ने बताया हमारे लिए हाईजीन कितना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कहीं न कहीं अनजाने में हमसे कई बार छोटी छोटी गलतियां हो जाती हैं, जिसे हम अनदेखा कर देते हैं। बाद में वहीं अनदेखी हमारी लिए जानलेवा साबित होती है। 

उन्होंने कहा कि हमारे पास सक्षम डाक्टरों की टीम है जो इस प्रकार जटिल से जटिल अपरेशन करते हैं। पिम्स में रियायती दरों पर लोगो का इलाज किया जाता है। पिम्स का उद्देश्य लोगों को अधिक से अधिक से सुविधाएं देकर बेहर इलाज करना है। पिम्स के भावी डाक्टरों को भी मरीजों की सेवा के लिए समय समय पर प्रेरित किया जाता है।

Gynecology and Surgery Department at (PIMS) performed a complex operation and saved the patient's life.

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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