प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 5 सालों में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर action platform के रूप में कारगर साबित हुई है
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद का देश के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है, देश की 21 प्रतिशत भूमि और 13 प्रतिशत जनसंख्या के साथ 35 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न उत्पादन उत्तर क्षेत्र में होता है
देश की सीमाओं की रक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और सेना में सबसे अधिक जवान उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से आते हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार को नारकोटिक्स और आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के प्रति मोदी सरकार कटिबद्ध है, जल्द हीहमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती होगी
गृह मंत्री ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बंटवारे संबंधी आपसी विवादों को खुले मन और आपसी विमर्श से सुलझाने का अनुरोध किया
गृहमंत्री ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा
देश में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं रहना चाहिए, स्कूल ड्रॉप आउट दर को कम करने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है, सहकारिता आंदोलन को गति देने से देश के 60 करोड़ सेअधिक लोगों को समृद्धि की ओर ले जाने में मदद मिलेगी
अमित शाह ने सभी सदस्य राज्यों से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को अपनाने का अनुरोध किया
केन्द्रीय गृह मंत्री के आह्वान पर उत्तरी क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, G20 सम्मेलन और विश्व कल्याण में भारत के नेतृत्व की पूरी दुनिया में प्रशंसा और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का करतल ध्वनि से स्वागत किया
इंडिया न्यूज सेंटर,अमृतसरः केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पंजाब के अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपालों, चंडीगढ़ के प्रशासक, सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों, केंद्रीय गृह सचिव, सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिवों और उत्तरी क्षेत्र के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने अपने संबोधन में कहा किप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 5 सालों में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर action platform के रूप में कारगर साबित हुई है। उन्होंनेकहाकिउत्तरी क्षेत्रीय परिषद का देश के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और देश की 21 प्रतिशत भूमि और 13 प्रतिशत जनसंख्या के साथ 35 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न उत्पादन उत्तर क्षेत्र में ही होता है। श्री शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और सेना में सबसे अधिक जवान उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से आते हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार को नारकोटिक्स और आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के प्रति मोदी सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती होगी। गृह मंत्री ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बंटवारे संबंधी आपसी विवादों को खुले मन और आपसी विमर्श से सुलझाने का अनुरोध किया।
अमित शाह ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दरऔर कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा।देश में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं रहना चाहिए, स्कूलड्रॉप आउट दर को कम करने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है।उन्होंने कहा कि सहकारिताआंदोलन को गति देने से देश के 60 करोड़ से अधिक लोगों को समृद्धि कीओर ले जाने में मदद मिलेगी।श्री शाह ने सभी सदस्य राज्यों से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को अपनाने का अनुरोध किया और कहा कि इससे देश के किसानों को बहुत फायदा होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने हिमाचल प्रदेश में आई भीषण बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन देते हुए कहा कि पूरा देश इस संकट की घड़ी में हिमाचल प्रदेश के साथ खड़ाहै। अमित शाह के आह्वान पर उत्तरी क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, G20 सम्मेलन और विश्व कल्याण में भारत के नेतृत्व की पूरी दुनिया में प्रशंसा और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का करतल ध्वनि से स्वागत किया। क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यद्यपि क्षेत्रीय परिषदों की प्रकृति सलाहकार की है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ समन्वय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं।क्षेत्रीय परिषदें सदस्यों के बीच उच्चतम स्तर पर व्यक्तिगत बातचीत का अवसर प्रदान करती हैं और सौहार्द और सद्भावना के माहौल में कठिन और जटिल प्रकृति के मुद्दों को हल करने के लिए एक उपयोगी मंच के रूप में कार्य करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें, चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से, सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें राज्यों के सामान्य हित के मुद्दों पर भी चर्चा और सिफारिशें करती हैं।
अमित शाह ने कहा कि अब 5 क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें नियमित रूप से बुलाई जाती हैं और यह केवल गृह मंत्रालय के तहत अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय की सक्रिय पहल और सभी राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से ही संभव हो सका है।उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जून, 2014 से, पिछले 10 वर्षों में, क्षेत्रीय परिषद और इसकी स्थायी समिति की कुल 54 बैठकें आयोजित की गई हैं, जो वर्ष 2004 से मई, 2014 तक के 10 वर्षों के दौरान आयोजित बैठकों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हैं।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की अमृतसर में हुई 31वीं बैठक के दौरान कुल 28 मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में 'अंतर-राज्यीय नदी जल के बंटवारे से संबंधित मुद्दे, बैंक शाखाओं/डाक बैंकिंग सुविधाओं द्वारा गांवों का कवरेज, सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का प्रभावी कार्यान्वयन, पंजाब विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दे, पीएमजीएसवाई के तहत सड़क कनेक्टिविटी, साइबर अपराधों की रोकथाम, जल जीवन मिशन, उड़ान योजना के तहत फिर से विमान सेवाएं शुरू करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच, फास्ट ट्रैक स्पेशल योजना के कार्यान्वयन बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए न्यायालय (FTSCs), प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने औरकृषि भूमि की खरीद का कानूनआदि पर भी विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में सदस्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई Good Practices को भी साझा किया गया।