Organization of a three-day hacking competition called Health Medical Hackathon
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली 12 टीमों में से, पिम्स टीम पहले दिन शॉर्टलिस्ट की गई 9 टीमों में से एक थी
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः मेडिकल क्षेत्रों में टेक्निकली तरीके से आ रही मुश्कलों को हल करने के लिए इंजिनियरिंग कालेजों के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के डिवायस बनाए जा रहे हैं। इन्हीं को लेकर एनआईटी जालंधर में आर-टिस्ट (आधिकारिक रोबोटिक्स क्लब एनआईटीजे) और सीएमसी पीएसी (लुधियाना) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय "हैकिंग हेल्थ मेडिकल हैकथॉन नामक प्रतियोगिता करवाई गई।
प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न कालेजों ने भाग लिया। पिम्स इस प्रतियोगिता में पहले और दूसरे स्थान पर रहा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली 12 टीमों में से, पिम्स टीम पहले दिन शॉर्टलिस्ट की गई 9 टीमों में से एक थी। पिम्स की टीम ने दूसरे दिन प्रोजेक्ट का प्रोटोटाइप बनाने के लिए लगन से काम किया। तीसरे दिन, परियोजना को न्यायाधीशों के एक सम्मानित पैनल के सामने प्रस्तुत किया गया। पिम्स के विद्यार्थियों की ओर से एक तो फ्ल्यूड इंपुट-आउटपुट डिवायस बनाई गई (सुझाव दिया गया)
जिसमें मरीज को कितनी, कब फ्ल्यूड देनी है या फ्ल्यूड के दौरान अगर सूई हिल जाए उसकी जानकारी सीधी नर्सिंग स्टेशन पर जाएगी। इसके अलावा पिम्स रिप्रोडेक्टिव हेल्थ पर बनाई गई एप
पर दूसरे स्थान पर रहा।
इस अवसर पर पिम्स के डायरेक्ट अमित सिंह ने कहा कि पिम्स ने ऐसी प्रतियोगिता में पहले दो स्थानों पर आने पर हमे गर्व महसूस हो रहा है। आगे भी पिम्स दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। भविष्य में ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए जो स्वास्थ्य से जुड़ी हैं और मरीजों की भलाई के लिए हैं, पिम्स हर दम तैयार है।
डायरेक्टर प्रिसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा कि को हैकथॉन में अपने डिवाइस को प्रदर्शित करने का अवसर पाकर सम्मानित महसूस हो रहा है। पिम्स को पहले स्थान पर आने पर 30000 और दूसरे स्थान पर आने पर 24000 रूपये नकद इनाम से भी सम्मानित किया गया है। इससे विद्यार्थियों में खूशी की लहर है।