इंडिया न्यूज सेंटर, रामपुर बुशहर: भारत की सबसे बड़ी भूमिगत सतलुज जलविद्युत परियोजना व अन्य परियोजनाओं में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। ऐसे में पूरे उत्तरी भारत में बिजली का संकट गहरा गया है। एक हजार मैगावाट करच्छम-वांगतू, 1500 मैगावाट नाथपा-झाखड़ी जल विद्युत परियोजना व 412 मैगावाट रामपुर जल विद्युत परियोजना में बिजली का उत्पादन सुबह से ही बंद हो गया है। एस.जे.वी.एन. परियोजनाओं में बिजली की आपूर्ति भी ठप्प हो गई है, वहीं सतलुज का जल स्तर भी बढ़ गया है। जानकारी के अनुसार सतलुज में पानी की मात्रा 1200 क्यूमैक्स मापी गई है जोकि काफी अधिक है। पिछले दिनों सतलुज में पानी की मात्रा 600 क्यूमैक्स थी। रामपुर जलविद्युत से एक दिन में 12 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। नाथपा-झाखड़ी परियोजना के प्रबंधक संजीव सूद ने बताया कि सतलुज में गाद वाला पानी आ रहा है। नदी में गाद की मात्रा बढ़ गई है। इसके उपरांत नाथपा-झाखड़ी की परियोजना की टरबाइनों को बंद करने का निर्णय लिया गया। गाद की मात्रा काफी अधिक होने पर प्रात:काल से बिजली उत्पादन बंद हो गया है। उपमंडलाधिकारी डा. निपुण जिंदल ने बताया कि सतलुज नदी के आसपास क्षेत्रों में हाई अलर्ट कर दिया है। उन्होंने कहा नदी के किनारे जाने की पूरी पाबंदी लगा दी है। इस बारे लाऊड स्पीकर के माध्यम से भी लोगों को नदी के किनारे पर न जाने की चेतावनी दी जा रही है।