Ram temple in Ayodhya: construction date may be announced soon
ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को
नेशनल न्यूज डेस्कः अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन के बाद तारीख के एलान जल्दी हो सकता है। मंदिर निर्माण के लिए स्थापित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को प्रस्तावित है। भाजपा नेता और ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने इसकी पुष्टि की है। राम मंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों की उपयोगिता पर मंथन तेज हो गया है। राममंदिर ट्रस्ट में फिलहाल जिन सदस्यों को जगह दी गई है उनमें विहिप का एक भी सदस्य नहीं है। इससे सवाल उठता है कि अयोध्या में विहिप की कार्यशाला में राममंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों का भविष्य क्या होगा। साथ ही राममंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों की उपयोगिता पर मंथन भी तेज हो गया है। इन पत्थरों का राममंदिर में किस तरह प्रयोग किया जाएगा ये अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन, इतना तय है कि राममंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों की उपयोगिता अब नवगठित ट्रस्ट को ही तय करना है। हालांकि, विहिप को अब भी उम्मीद है कि राम मंदिर उनके प्रस्तावित मॉडल एवं तराशे गए पत्थरों से ही बनेगा। क्योंकि, करोड़ों रुपये लागत वाले इन पत्थरों को इसी के हिसाब से तराशा गया है। अमित शाह कह चुके हैं कि अयोध्या में बनने वाला मंदिर गगनचुंबी होगा। इसके बाद से ही विहिप के मॉडल की लंबाई-चौड़ाई पर सवाल उठने लगे थे। अब ट्रस्ट में विहिप के एक भी प्रतिनिधि को शामिल नहीं किए जाने के बाद तराशे गए इन पत्थरों की उपयोगिता भी सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि नवगठित ट्रस्ट इन पत्थरों को दान में लेकर मंदिर निर्माण में उपयोग कर सकता है। राममंदिर के लिए अब तक एक लाख दस हजार घनफुट पत्थरों को तराशा जा चुका है। श्रीराम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए सिद्ध संतों की उपासना स्थली रही फटिक शिला आश्रम में 17 फरवरी से श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ का आयोजन होगा। इसमें देश-विदेश के लाखों राम भक्त जुटेंगे। महायज्ञ में 1500 नाम जापकों द्वारा 54 कीर्तन कुंजों में राममंत्र का अनवरत जाप किया जाएगा। नौ दिवसीय अनुष्ठान का समापन 26 फरवरी को होगा। महायज्ञ में सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं।